🙏
क्षमा करें।
कृपया इस तरह के सन्देश, जो हमारे ही धर्म, संस्कृति, त्यौहार, व्रत, भावनाओं एवं ईश्वर का मज़ाक उड़ाते हैं या इन्हें अपमानित करते हैं, उन्हें भेजने से या फॉरवर्ड (अग्रेषित) करने से बचें। साथ ही, आपको इस तरह के सन्देश यदि किन्हीं अन्य लोगों से प्राप्त हुए हैं तो उन्हें भी इस तरह का कृत्य करने से रोकें।
आप चाहें तो मेरा यही संदेश उन्हें कॉपी - पेस्ट करके भेज सकते हैं।
हमारे धर्म, संस्कृति, त्यौहार, व्रत, भावनाओं एवं ईश्वर की मर्यादा की रक्षा करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है।
इसी कड़ी में यह मेरा एक विनम्र निवेदन और तुच्छ प्रयास है।
आशा है, आप मुझसे सहमत होंगे, और इस कड़ी को आगे बढ़ाने में मेरा साथ देंगे।
🙏 डॉ. प्रवीण शर्मा। 🙏
Thursday 10 August 2017
धर्म रक्षण
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