Monday 14 December 2015

प्रभु से सुन्दर प्रार्थना

प्रभु से सुंदर प्रार्थना

 

हे करुणानिधान❗मेरे तीन अपराधो को क्षमा करो:-

यह जानते हुए भी कि- 

1. तुम सर्वव्यापी हो, पर मैँ तुम्हेँ हर जगह खोजता हूँ यह मेरा पहला अपराध है❗

2. तुम शब्दोँ से परे हो, मैँ तुमको शब्दोँ से बाँधता हूँ, एक नाम देता हूँ। यह मेरा दूसरा अपराध है❗

3. तुम सर्वज्ञाता हो, मैँ तुम्हेँ अपनी इच्छाएँ बताता हूँ, उन्हेँ पूरा करने को कहता हूँ। यह मेरा तीसरा अपराध है❗

जय सियाराम

Saturday 12 December 2015

ख्याति कैसी हो।

संस्कृत में एक श्लोक है :

उत्तमा आत्मन: ख्याता: पितु: ख्याताश्च मध्यमा:।
अधमा मातुलख्याता श्वशुराख्याताSधमाधमा: ।।

अर्थात् जो अपने नाम से जाना जाता है, वह सर्वोत्तम होता है,
जो अपने पिता के नाम से विख्यात हो उसे मध्यम मानना चाहिए,
जो अपने मामा के कारण प्रसिद्ध हो वह अधम और 
जो अपने सास ससुर के नाम से जाने जाते हैं 
वो अधमाधम अर्थात निकृष्ट कोटि के मनुष्य होते हैं।