एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स के आखिरी शब्द।
"एक समय था जब मैं व्यापार जगत की ऊंचाईयों को छू चुका था। लोगों की नजर में मेरी जिंदगी सफलता का एक बड़ा नमूना बन चुकी थी। लेकिन आज खुद को बेहद बीमार और इस बिस्तर पर पड़ा हुआ देखकर मैं कुछ अजीब महसूस कर रहा हूं।
पूरी जिंदगी मैंने कड़ी मेहनत की, लेकिन खुद को खुश करने के लिए या खुद के लिए समय निकालना जरूरी नहीं समझा। जब मुझे कामयाबी मिली तो मुझे बेहद गर्व महसूस हुआ, लेकिन आज मौत के इतने करीब पहुंचकर वह सारी उपलब्धियां फीकी लग रही हैं।
आज इस अंधेरे में, इन मशीनों से घिरा हुआ हूं। मैं मृत्यु के देवता को अपने बेहद करीब महसूस कर सकता हूं।
आज मन में एक ही बात आ रही है कि इंसान को जब यह लगने लगे कि उसने अपने भविष्य के लिए पर्याप्त कमाई कर ली है, तो उसे अपने खुद के लिए समय निकाल लेना चाहिए। और पैसा कमाने की चाहत ना रखते हुए, खुद की खुशी के लिए जीना शुरू कर देना चाहिए।
अपनी कोई पुरानी चाहत पूरी करनी चाहिए। बचपन का कोई अधूरा शौक, जवानी की कोई ख्वाहिश या फिर कुछ भी ऐसा जो दिल को तसल्ली दे सके। किसी ऐसे के साथ वक्त बिताना चाहिए जिसे आप खुशी दे सकें और बदल में उससे भी वही हासिल कर सकें।
क्योंकि जो पैसा सारी जिंदगी मैंने कमाया उसे मैं साथ लेकर नहीं जा सकता। अगर मैं कुछ लेकर जा सकता हूं तो वे हैं यादें। ये यादें ही तो हमारी ‘अमीरी’ होती है, जिसके सहारे हम सुकून की मौत पा सकते हैं।
क्योंकि ये यादें और उनसे जुड़ा प्यार ही एकमात्र ऐसी चीज है जो मीलों की सफर तय करके आपके साथ जा सकती हैं। आप जहां चाहे इसे लेकर जा सकते हैं। जितनी ऊंचाई पर चाहें ये आपका साथ दे सकती हैं। क्योंकि इन पर केवल आपका हक़ है।
जीवन के इस मोड़ पर आकर मैं बहुत कुछ महसूस कर सकता हूं। जीवन में अगर कोई सबसे महंगी वस्तु है, तो वह शायद ‘डेथ बेड’ ही है। क्योंकि आप पैसा फेंककर किसी को अपनी गाड़ी का ड्राइवर बना सकते हैं। जितने मर्जी नौकर-चाकर अपनी सेवा के लिए लगा सकते हैं। लेकिन इस डेथ बेड़ पर आने के बाद कोई दिल से आपको प्यार करे, आपकी सेवा करे, यह चीज आप पैसे से नहीं खरीद सकते।
आज मैं यह कह सकता हूं कि हम जीवन के किसी भी मोड़ पर क्यों ना हों, उसे अंत तक खूबसूरत बनाने के लिए हमें लोगों का सहारा चाहिए। पैसा हमें सब कुछ नहीं दे सकता।
मेरी गुजारिश है आप सबसे कि अपने परिवार से प्यार करें, उनके साथ वक्त बिताएं, इस बेशकीमती खजाने को बर्बाद ना होने दें। खुद से भी प्यार करें।
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Source: Speakingtree.in
STEVE JOBS died of neuroendocrine tumor of pancreas. ...
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