संस्कृत में एक श्लोक है :
उत्तमा आत्मन: ख्याता: पितु: ख्याताश्च मध्यमा:।
अधमा मातुलख्याता श्वशुराख्याताSधमाधमा: ।।
अर्थात् जो अपने नाम से जाना जाता है, वह सर्वोत्तम होता है,
जो अपने पिता के नाम से विख्यात हो उसे मध्यम मानना चाहिए,
जो अपने मामा के कारण प्रसिद्ध हो वह अधम और
जो अपने सास ससुर के नाम से जाने जाते हैं
वो अधमाधम अर्थात निकृष्ट कोटि के मनुष्य होते हैं।
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