Tuesday, 7 October 2014

भजन

(1) बड़ी देर भई नंदलाला
तेरी राह तके बृजबाला
ग्वाल-बाल इक-इक से पूछे
कहाँ है मुरली वाला रे
बड़ी देर भई नंदलाला

कोई ना जाए कुञ्ज गलिन में, तुझ बिन कलियाँ चुनने को
तरस रहे हैं जमुना के तट, धुन मुरली की सुनने को
अब तो दरस दिखा दे नटखट, क्यों दुविधा मे डाला रे
बड़ी देर भई नंदलाला...

संकट में है आज वो धरती, जिस पर तूने जनम लिया
पूरा कर दे आज वचन वो, जो गीता में जो तूने दिया
तुम बिन कोई नहीं है मोहन, भारत का रखवाला रे
बड़ी देर भई नंदलाला...
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(2)
राधिका गोरी से, बृज की छोरी से,
मैया करा दै मेरो ब्याह,

उमर तेरी छोटी रे, नज़र तेरी खोटी रे
कैसे करायदऊँ तेरो ब्याह ।

राधिका गोरी से, बृज की छोरी से,
मैया करा दै मेरो ब्याह,

जो न ब्याह कराये,
तेरी गैया नाहि चराऊँ,
आज के बाद मेरी मैया,
तेरी दहली पर नाय आऊँ,
आएगा रे मज़ा, रे मज़ा,
अब जीत हार का

राधिका गोरी से, बृज की छोरी से,
मैया करा दै मेरो ब्याह,

चंदन की चौकी पै
मैया तोहे बैठाऊं

अपनी राधा से में
चरण तेरे दबवाऊँ

और, भोजन में बनवाउंगा, बनवाउंगा,
छप्पन प्रकार के । ।

राधिका गोरी से, बृज की छोरी से,
मैया करा दै मेरो ब्याह,

उमर तेरी छोटी रे, नज़र तेरी खोटी रे
कैसे करायदऊँ तेरो ब्याह ।

छोटी सी दुल्हनिया
जब अंगना में डोलेगी

तेरे सामने मैया
वो घूंघट ना खोलेगी
दाऊ से जा कहो, जा कहो
बैठेंगे द्वार

राधिका गोरी से....

राधिका गोरी से, बृज की छोरी से,
मैया करा दै मेरो ब्याह,

उमर तेरी छोटी रे, नज़र तेरी खोटी रे
कैसे करायदऊँ तेरो ब्याह ।

सुन बातें कान्हा की,
मैया बैठी मुसकाये

लेके बलाइयां मैया,
हिवडे से अपने मैया

नज़र कहीं लग जाए ना, लग जाए ना

राधिका गोरी से, बृज की छोरी से,
मैया करा दै मेरो ब्याह,

उमर तेरी छोटी रे, नज़र तेरी खोटी रे
कैसे करायदऊँ तेरो ब्याह ।
राधिका गोरी से,
बृज की छोरी से
कान्हा करायदऊँ तेरो ब्याह ।
.
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(3) देखो देखो यह गरीबी,यह गरीबी कहा ले
कृष्ण के द्वार पे विश्वास  लेके आया हूँ
मेरे बचपन का यार  है मेरा श्याम,
यह ही सोच कर मै आस कर के आया हूँ.

अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो-……….2
के द्वार पे सुदामा गरीब आगया है……….2.
हा… भटकते भटकते ना जाने कहा से,……..2,
तुम्हारे महल के करीब आगया है………..2
ओऊ…अरे द्वारपालों उस कन्हैया से कह दो,
के द्वार पे सुदामा गरीब आगया है………2

ना सरपे है पगरी ना तन पे है जामा,
बातादो कन्हैया को नाम है सुदामा.
हा…बातादो कन्हैया को नाम है सुदामा.
.ना सरपे है पगरी,बतादो कन्हैया को नाम है सुदामा…………2

एक बार मोहन से जा कर के कहे दो,………..2
के मिलने सखाबद‍नसीब पद नसीब आगेया है
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो,

के द्वार पे सुदामा गरीब आगेया है

सुनते ही   दौड़े   चले आये मोहन,
लागाया गले से सुदामा को मोहन.
हा…लागाया गले से सुदामा को मोहन

सुनते ही   दौड़े   चले आये मोहन,

लागाया गले से,  सुदामा को मोहन.

हुआ रुक्स्मानी को बहुत ही अचंभा,……….2
यह मेहमान कैसा अजीब आगेया है…………2

हुआ रुक्स्मानी को बहुत ही अचंभा,……….2
यह मेहमान कैसा अजीब आगेया है…………2
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो-……….2
के द्वार पे सुदामा करीब आगया है……….2.

बराबर अपने बिठाया   सुदमा को
चरण आँसुओं से श्याम ने  धुलाये
ना घबरायो प्यारे जरा तुम सुदमा
खुशी का समां तेरे गरीब आ गया है
के दर  पे सुदमा गरीब आ गाया है

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